मंगलवार, 16 जून 2015

कुछ बातें

कितना अजीब है हिंदी में लेखन करना। बार बार देखना कि सही तरीके से लिखा है की नहीं, मात्राएँ ठीक हैं कि नहीं। :) जब मैंने अपना पहला ब्लॉग लिखा हिंदी में तो अगले दिन घर में सबको पढ़ने को कहा। मेरे छोटे बेटे ने पहले तो हैरत से पूछा की हिंदी में टाइप कैसे करते हैं? जब मैंने उसे दिखाया तो उसे बहुत आश्चर्य हुआ। पर इतनी सारी पंक्तियों को देखकर उसने पढ़ने से सख्त इंकार कर दिया। जैसा कि आप लोग समझ ही गए होंगे की हिंदी उसका सर्वप्रिय विषय है। :) हिंदी में पढ़ना उसे बहुत कठिन लगता है।

बड़ा बेटा  थोड़ा खीजा लेकिन उसने पूरा ब्लॉग पढ़ा। मैं सारे समय उसका उच्चारण सुधारती रही। मुझे लगता है कि अगली बार वह मेरे सामने पढ़ने की गलती नहीं करेगा। वैसे हिंदी उसका भी सर्वप्रिय विषय है। पता नहीं ये बच्चे अंग्रेजी के अलावा और किसी भाषा से उतना प्रेम क्यों नहीं करते। शायद बचपन से अंग्रेजी में पढ़ने और सोचने का अभ्यास ज़्यादा है। वैसे मैंने अपने दोनों ही बच्चों से हिंदी में ही शुरू से बात चीत की है ताकि वे हिंदी घर पर ही सीखें। दोनों ही हिंदी अच्छी तरह से बोल लेते हैं। दक्षिण भारत में रहने के कारण उनके कई हिंदी के अधयापकों का उच्चारण उतना शुद्ध नहीं है जो शायद उनकी भाषा में भी थोड़ा झलकता होगा। आप जहाँ रहते हैं, उस जगह की छाप आपकी बात चीत में होना स्वाभाविक है।

खैर, सबसे अच्छी प्रतिक्रिया पतिदेव की थी। उन्होंने ख़ुशी से ब्लॉग खोला और पढ़ना  शुरू किया। पता है कैसे? अंग्रेजी में अनुवाद करके। कोहनी के दो-तीन वार खाने के बाद, मेरे बनावटी गुस्से पर मुस्कुराते हुए उन्होंने पूरा पोस्ट पढ़ा। उनका हिंदी प्रेम तो बच्चों से भी और गहरा है। :)

और कुछ न सही मुझे इस नयी पोस्ट के लिए विषय मिल गया।  

10 टिप्‍पणियां:

  1. Unable to type in Hindi but throughly enjoyed the sweetness of the language.

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  2. Loved this glimpse of the reactions to your Hindi blog. Reading it in my mother tongue is completely delightful. I can identify with your struggle to get the kids to read Hindi.I had always assumed mine would take to it because I quite prided me on my mine. Turns out that was a big mistake. Do keep writing.

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    1. Thanks, Tulika. I will. It gives me immense pleasure to communicate in Hindi. Yes, the kids are fluent in Hindi, but it is not their language of choice clearly.

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  3. जो आप का अनुभव है वह शायद कई घरों में देखने को मिलेगा। कुछ तो बदलने की ज़रूरत है। नहीं ?

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    1. हाँ आपने सही कहा, बेलू। कुछ तो बदलना अवश्य चाहिए। आज कल उनकी भाषा पर हिंदी फिल्मों का असर ज़्यादा है और हमारी बोल चाल की भाषा भी कहाँ साफ़ रह गयी है?

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  4. Yahan bhi kuch aisa hi haal hai. Hindi padhne ya likhne ki baat karron toh maano maine rakt daan maang liya ho. Khair, apko ek maze ke baat bataoon? Aapke blog ko maine itni saralta se padh liya maano ki kaksha main baithi hoon. Isse ehshaas hua ki bachpan main jo seekha tha, ab tak bhooli nahin. Rachna, sach main, yeh blog shuru karke aap shayad bahut logon ki duaein payen. Unme se do haath mere uthenge.

    Jappiyan te pappiyan kudiye :D

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    1. अरे वाह, विनी| सुनकर बहुत ख़ुशी मिली कि आपको मेरी यह कोशिश पसंद आयी। इसी बहाने हिंदी में गपशप करने का मौका मिल जायेगा। सच में आज कल हिंदी में बात ही कोई नहीं करता। हिंगलिश का ज़माना जो ठहरा। अगली पीढ़ी तो शायद भारतीय भाषाओं को पूरी तरह से नकार दे। :( पढ़ने के लिए धन्यवाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए भी।

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  5. हाहाहा! आज कल ज्यादातर बच्चों का यही हाल है | हिंदी थोड़ी कम समझ आती है | वैसे हिंदी मेरी भी काफी कमज़ोर है, लेकिन अभी तक जो भी इस ब्लॉग में लिखा गया है, उतना समझ आ गया है | हिंदी अखबार नहीं पढ़ पाती हूँ मैं | पापा से खूब डाट खाती हूँ | :P

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    1. बचपन में दैनिक जागरण पढ़ने की आदत थी। अब तो सालों हो गए हिंदी का समाचार पत्र पढ़े हुए। हिंदी में पढ़ना शीघ्र ही आरंभ करना चाहूँगी|

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आपके बहुमूल्य विचारों और प्रतिक्रियाओं की मुझे प्रतीक्षा है.